Chaitra Navratri 2023 Ghatasthapana Shubh Muhurat Kalash Sthapana Puja Vidhi

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Navratri Start Kab Se Shuru Honge 2023

Navratri नवरात्रि 2023 इस नवरात्रि को 9 दिनों तक अलग अलग देवियों की पूजा की जाती है| इस लिए इसे नवरात्रि कहा जाता है| नवरात्रि वर्ष 2023 में 26 September 2023 से नवरात्रि की स्थापना होंगी नवरात्रि स्थापना के बाद 9 दिनों तक चलेगी| तथा नवरात्रि का समापन सोमवार 5 अक्टूबर 2023 को होंगा| नवरात्रि का पूर्व देवी शक्ति माँ दुर्गा की उपासना का उत्सव है| नवरात्रि के नो दिनों में देवी शक्ति के नो अलग – अलग रूप में पूजा साधना कि जाती है|

एक वर्ष में पांच बार नवरात्रि आते है| जो इस प्रकार है:- चेत्र, आषाढ़, अश्विन, पोष और माघ नवरात्रि| इसमे चेत्र और अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नव मी तक मनाया जाता है| शरद ऋतू में आगमन के करण ही इसे शारदिया नवरात्रि कहा जाता है| शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में ही भगवान श्रीराम ने देवी शक्ति की आराधना कर दुष्ट राक्षस रावण का वध किया था| और समाज को यह संदेश दिया था| की बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत होती है|

Navratri Mein Nau Deviyon Ke Pooja Vidhaan

1 दिन – माँ शैलपुत्री पूजा – यह देवी दुर्गा के नौ रूपों में से प्रथम रूप है। मां शैलपुत्री चंद्रमा को दर्शाती हैं और इनकी पूजा से चंद्रमा से संबंधित दोष समाप्त हो जाते हैं।
2 दिन – माँ ब्रह्मचारिणी पूजा – ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार देवी ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से मंगल ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
3 दिन – माँ चंद्रघंटा पूजा – देवी चंद्रघण्टा शुक्र ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से शुक्र ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
4 दिन – माँ कूष्मांडा पूजा – माँ कूष्माण्डा सूर्य का मार्गदर्शन करती हैं अतः इनकी पूजा से सूर्य के कुप्रभावों से बचा जा सकता है।
5 दिन – माँ स्कंदमाता पूजा – देवी स्कंदमाता बुध ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से बुध ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
6 दिन – माँ कात्यायनी पूजा – देवी कात्यायनी बृहस्पति ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से बृहस्पति के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
7 दिन – माँ कालरात्रि पूजा – देवी कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से शनि के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
8 दिन – माँ महागौरी पूजा – देवी महागौरी राहु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से राहु के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
9 दिन – माँ सिद्धिदात्री पूजा – देवी सिद्धिदात्री केतु ग्रह को नियंत्रित करती हैं। देवी की पूजा से केतु के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
नवरात्रि दिन देवियों के नाम दिनाक वार
1 दिन प्रतिपदा माँ शैलपुत्री पूजा घटस्थापना 26 September 2023
2 दिन द्वितीया माँ ब्रह्मचारिणी पूजा 27 September 2023
3 दिन तृतीय माँ चंद्रघंटा पूजा 28 September 2023
4 दिन चतुर्थी माँ कुष्मांडा पूजा 29 September 2023
5 दिन पंचमी माँ स्कंदमाता पूजा 30 September 2023
6 दिन षष्ठी माँ कात्यायनी पूजा 1 September 2023
7 दिन सप्तमी माँ कालरात्रि पूजा 2 September 2023
8 दिन अष्टमी माँ महागौरी दुर्गा महा नवमी पूजा दुर्गा महा अष्टमी पूजा 3 September 2023
9 दिन नवमी माँ सिद्धिदात्री नवरात्रि पारणा विजय दशमी 4 September 2023
10 दिन दशमी दुर्गा विसर्जन1 5 September 2023

Navratri Puja Material Navratri Ke Lie Puja Saamagree

लाल चुनरी,
आम की पत्तियाँ,
चावल,
दुर्गा सप्तशती की किताब,
लाल कलावा, गंगा जल,
चंदन, नारियल,
कपूर, जौ के बीच,
मिट्टी का बर्तन,
गुलाल, सुपारी,
पान के पत्ते,
लौंग,
इलायची,

Navratri Puja Vidhi 2023

सुबह जल्दी उठे और स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहने.
ऊपर दी गई पूजा सामग्री को एकत्रित करें.
पूजा की थाल सज़ाएँ.
माँ दर्गा की प्रतिमा को लाल रंग के वस्त्र में रखें.
मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बायें और नवमी तक प्रति दिन पानी का छिड़काव करें.
पूर्ण विधि के अनुसार शुभ मुहूर्त में कलश को स्थापित करें। इसमें पहले कलश को गंगा जल से भरें, उसके मुख पर
आम की पत्तियाँ लगाएं और उपर नारियल रखें। कलश को लाल कपड़े से लपेंटे और कलावा के माध्यम से उसे बाँधें। अब इसे मिट्टी के बर्तन के पास रख दें.
फूल, कपूर, अगरबत्ती, ज्योत के साथ पंचोपचार पूजा करें.
नौ दिनों तक माँ दुर्गा से संबंधित मंत्र का जाप करें और माता का स्वागत कर उनसे सुख-समृद्धि की कामना करें.
अष्टमी या नवमी को दुर्गा पूजा के बाद नौ कन्याओं का पूजन करें और उन्हें तरह-तरह के व्यंजनों (पूड़ी, चना, हलवा) का भोग लगाएं.
आखिरी दिन दुर्गा के पूजा के बाद घट विसर्जन करें इसमें माँ की आरती गाएं, उन्हें फूल, चावल चढ़ाएं और बेदी से कलश को उठाएं.